किसकी दुआओ का हैं यह असर,
पी के अभी भी जिंदा हैं हम, जहर,

दरया के रेत सा मुसलसल रहा सफ़र,
आँधियो को मिला विरासत में कहर,

गिला धुये से क्योकर के, आग हैं मंजर,
निगाहो के तरकश का हर तीर हैं नजर,

ख्वाबो की हकीकत बयाँ हैं, कम हैं उमर,
के गजल के हर्फ़-हर्फ़ में दर्द आया उतर,

सुकुन-ए-दिल तरसा के कैसे हो गुजर,
एक मुठ्ठी खाक औ कफ़न का हैं सफ़र,.....

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